पर्यावरण प्रदुषण एक गंभीर समस्या
अत्याधुनिक वैज्ञानिक आविष्कारों और सभ्यता के उन्नत शिखरों के सर पर पताका लहराने के गरूर में विश्व मानवता के समक्ष प्रदूषण का विकराल दैत्य आ खड़ा हुआ है इसकी काया का फैलाव जल थल नभ तीनों लोकों तक हो चूका है इस तथ्य से परिचित हो जाने और अनेक तरह के दुष्परिणामों को भोगने के बावजूद मनुष्य सचेत नहीं हो रहा है दोष एक दूसरे पर फेककर अलग खड़े हो जाने की प्रवीर्ति इस सालस्य को बढ़ावा देती है
वैसे प्रदूषण का गहरा प्रवाव तो लोगों के विचार और ब्यवहार मे भी सड़ांध पैदा क्र चूका है परन्तु जल धरती वायु का प्रदुषण ने पृथ्वी और इसके निवासियों के अस्तित्व के सामने ही प्रश्न चिन्ह लगा दिया है बड़े बड़े कारखाने और नगरों से ठोस दर्व और गैस के रूप में लगातार निकलता प्रदूषण धरती जक और वायुमंडल तीनों में जहर घोलता जा रहा है यूरोप के प्रवाव से आयी आधुनिक सभ्यता ने पेड़-पौधों और नदियों के प्रति निहित सारधा और मानवीय संवेदना से हमें वंचित कर दिए है पेड़ पौधे काटकर बड़े बड़े कारखाने बैठाएं जा रहे हैं और उससे निकले ठोस और द्रव रूपों में कचरों को नदियों और आस पास के छेत्रों में भ और फैला दिया जाता है चिमनियों से निरन्तर निकल रहे धुवें से हवा में मिली हानिकारक गैसें खुली आँखें से दिखाई तो नहीं पड़ती पर उनका प्रवाव सर्वाधिक घातक होती है ऐसी तरह ें बड़े शहरों में रात -दिन कान फाड् देने वाले लाउडस्पीकरों के बजने से फैलते ध्वनि प्रदुषण से कण ही नहीं मस्तिष्क और ह्रदय भी बीमार ही जाता है
प्रदूषण एक अंतर्राष्टीय समस्या है इस समस्या के निदान के लिए संसार के बैज्ञानिकों को महत्वपूर्ण भूमिका निभानी होगी वायु एवं जल प्रदुषण को रोकने के लिए वन के कटाव पर रोग लगनी होगी तथा कटे हुए वनों को पुनः हरे भरे वनों में परिवर्तित करना होगा जल प्रदुषण से बचने के लिए यह आवश्यक है की दूषित जल को जमीन के बहुत निचे शोसित कराया जाए ध्वनि प्रदुषण से बचाव के लिए वाहनों में साइंसलरों का प्रबंध किया जाना चाहिए लाउडस्पीकरों का उपयोग पूर्णतः प्रबंधित कर देना चाहिए रासायनिक प्रदुषण से मुक्त रहने लिए आवश्यक है की कल कारखाने बस्तियों से दूर लगाए जाएँ शहरों और महानगरों में जलमल की निकासी का अच्छा प्रबंध होना चाहिए प्रदुषण से पर्यावरण की रक्षा करना मानव अस्तित्व की रक्षा करनी है
अतः विश्व में पर्यावरण का प्रदुषण एक गंभीर समस्या बन गयी है |
वैसे प्रदूषण का गहरा प्रवाव तो लोगों के विचार और ब्यवहार मे भी सड़ांध पैदा क्र चूका है परन्तु जल धरती वायु का प्रदुषण ने पृथ्वी और इसके निवासियों के अस्तित्व के सामने ही प्रश्न चिन्ह लगा दिया है बड़े बड़े कारखाने और नगरों से ठोस दर्व और गैस के रूप में लगातार निकलता प्रदूषण धरती जक और वायुमंडल तीनों में जहर घोलता जा रहा है यूरोप के प्रवाव से आयी आधुनिक सभ्यता ने पेड़-पौधों और नदियों के प्रति निहित सारधा और मानवीय संवेदना से हमें वंचित कर दिए है पेड़ पौधे काटकर बड़े बड़े कारखाने बैठाएं जा रहे हैं और उससे निकले ठोस और द्रव रूपों में कचरों को नदियों और आस पास के छेत्रों में भ और फैला दिया जाता है चिमनियों से निरन्तर निकल रहे धुवें से हवा में मिली हानिकारक गैसें खुली आँखें से दिखाई तो नहीं पड़ती पर उनका प्रवाव सर्वाधिक घातक होती है ऐसी तरह ें बड़े शहरों में रात -दिन कान फाड् देने वाले लाउडस्पीकरों के बजने से फैलते ध्वनि प्रदुषण से कण ही नहीं मस्तिष्क और ह्रदय भी बीमार ही जाता है
प्रदूषण एक अंतर्राष्टीय समस्या है इस समस्या के निदान के लिए संसार के बैज्ञानिकों को महत्वपूर्ण भूमिका निभानी होगी वायु एवं जल प्रदुषण को रोकने के लिए वन के कटाव पर रोग लगनी होगी तथा कटे हुए वनों को पुनः हरे भरे वनों में परिवर्तित करना होगा जल प्रदुषण से बचने के लिए यह आवश्यक है की दूषित जल को जमीन के बहुत निचे शोसित कराया जाए ध्वनि प्रदुषण से बचाव के लिए वाहनों में साइंसलरों का प्रबंध किया जाना चाहिए लाउडस्पीकरों का उपयोग पूर्णतः प्रबंधित कर देना चाहिए रासायनिक प्रदुषण से मुक्त रहने लिए आवश्यक है की कल कारखाने बस्तियों से दूर लगाए जाएँ शहरों और महानगरों में जलमल की निकासी का अच्छा प्रबंध होना चाहिए प्रदुषण से पर्यावरण की रक्षा करना मानव अस्तित्व की रक्षा करनी है
अतः विश्व में पर्यावरण का प्रदुषण एक गंभीर समस्या बन गयी है |
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